THE 5-SECOND TRICK FOR HINDI STORY

The 5-Second Trick For Hindi Story

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आप के ब्लॉग पर हिंदी कहानियों का भंडार है

उसकी दहाड़ बहुत दूर तक सुनाई देने लगी। वहीँ पास के रास्ते से चूहा गुजर रहा था और जब उसने शेर की दहाड़ सुनी तब उसे आभास हुआ की शेर तकलीफ में है। जैसे ही चूहा शेर के पास पहुंचा वो तुरंत अपनी पैनी दांतों से जाल को कुतरने लगा और जिससे शेर कुछ देर में आजाद भी हो गया और उसने चूहे को धन्यवाद दी। बाद में दोनों साथ मिलकर जंगल की और चले गए।

ये कहानी काफ़ी समय पहले की है जब एक घने जंगल में चार दोस्त रहते थे – एक हिरण, एक कौआ, एक छछूंदर और एक कछुआ। वे here हर दिन एक बड़े से बरगद के पेड़ के नीचे मिलते और घंटों बातें करते। सभी के लिए एक दूसरे का महत्व था और सभी एक दूसरे को काफ़ी प्यार भी करते थे।

एक बार बड़ा भाई बाज़ार में बेचने के लिए जलाऊ लकड़ी की तलाश में जंगल में जाता था। जैसे ही वह जंगल से गुज़रा, उसने हर उस पेड़ की शाखाएँ काट दीं, जहाँ से वह गुज़रा, लेकिन एक दिन उसकी नज़र एक जादुई पेड़ पर पड़ी।

गधे ने आह भरी और गाना शुरू कर दिया। थोड़ी ही दूर पर किसान और उसके परिवार ने एक गधे के रेंकने की आवाज सुनी। वे लाठी लेकर गधे की ओर दौड़े।

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ऐसे कुछ दिन बीत गए, अब एक नयी घटना सामने आयी। कुछ ही समय बाद चूहों ने सुना कि शिकारियों ने हाथियों के झुंड को पकड़ लिया है और उन्हें जाल में बांध दिया गया है। 

लाल मछली की बात सुनकर, नीली मछली ने कहा, “लेकिन, हमें सिर्फ एक दिन के लिए यहाँ से कहीं सुरक्षित जगह पर चले जाना चाहिए!

धीरे धीरे उनकी कोशिश कम होती गयी और उन्होंने मन में ये मान लिया की वो इन रस्सियों को छुड़ाकर नहीं भाग सकते हैं। वहीं हाथियों को यह विश्वास दिलाया गया था कि वे रस्सियों को तोड़ने और भागने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं हैं।” 

तुमने अपनी पत्नी के बहकावे में आक़ार मेरे भरोसे को तोड़ा है। अब हम फिर कभी दोस्त नहीं बन सकते!” बंदर ने अपने दोस्त से कहा। 

भी पास ही किसी ने कहा: “बस इतना ही! बगीचे में पानी भर गया है, तुमने दिन के लिए अच्छा काम किया है!

कुछ समय बाद, भालू ज़मीन पर पड़े दोस्त के पास आया। उसने उसके कान के पास सूंघा और कुछ समय वहीं रुका फिर वो धीरे-धीरे वहां से चला गया, क्योंकि भालू मृत जीवों को नहीं छूते हैं। जब भालू वहाँ से चला गया तब उसके कुछ समय बाद पहला दोस्त जो की पेड़ पर चढ़ा था वो पेड़ से नीचे उतरा। उसने नीचे आकर अपने दूसरे दोस्त से पूछा, “प्रिय मित्र, भालू ने तुम्हारे कान में क्या रहस्य बताया?

लेकिन वो पड़ोसी बहुत ही चालाक व्यक्ति था। इसलिए अगले दिन जब किसान अपने कुएँ से पानी भरने आया तो पड़ोसी ने उसे पानी लेने से मना कर दिया।

उसने फिर लोमड़ी को अगले ही दिन रात के खाने पर आमंत्रित किया। जब लोमड़ी उसके घर पर आयी, तब उसने भी सूप परोसा, लेकिन इस बार सूप को दो लंबे संकरे फूलदानों में परोसा। सारस ने अपने फूलदान से सूप को खा लिया, लेकिन लोमड़ी अपनी संकीर्ण गर्दन के कारण उसमें से कुछ भी नहीं पी सकी। 

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